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पालनहार योजना क्या है ?
पालनहार योजना का शुभारंभ राज्य सरकार द्वारा राज्य के अनाथ बच्चों के लिए किया गया है | इस योजना के तहत राज्य के अनाथ बच्चो के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाएगी बल्कि समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार/परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध की जाएगी |

पालनहार योजना के तहत प्रत्येक अनाथ बच्चे हेतु पालनहार परिवार को 5 वर्ष की आयु तक के बच्चे हेतु 500 रूपये प्रतिमाह की दर से तथा स्कूल में प्रवेशित होने के बाद 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक 1000 रूपये प्रतिमाह की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।
हाल ही में की गई एक घोषणा में मुख्यमंत्री श्री अशोक जी गहलोत के द्वारा पालनहार योजना के अंतर्गत 5 लाख 91 हजार लाभार्थियों को लाभ प्रदान किया जाएगा। जिसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा 87 करोड़ 36 लाख 56 हजार 750 रुपए की राशि हितग्राहियों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी |
पालनहार योजना का उद्देश्य
“पालनहार योजना” राजस्थान का मुख्य उद्देश्य अनाथ बच्चों के पालन पोषण और शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत 5 वर्ष तक की आयु के अनाथ बच्चों को ₹500 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है और स्कूल में प्रवेश होने के बाद 18 वर्ष की आयु तक ₹1000 की आर्थिक सहायता प्रतिमाह प्रदान की जाती है।
इस योजना के माध्यम से अनाथ बच्चे स्वतंत्र और सशक्त बन सकते हैं। उन्हें अपने खर्चों के लिए किसी पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा, इस योजना के तहत ₹2000 की राशि प्रतिवर्ष सभी पात्र बच्चों को प्रदान की जाती है, जिससे वे अपने वस्त्र, स्वेटर, जूते तथा अन्य जरूरत के सामान की खरीदारी कर सकें।
पालनहार योजना में की गई बढ़ोतरी
राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई पालनहार योजना के अंतर्गत बच्चों को दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि करने के लिए प्रस्ताव दिया गया था। जिसे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के द्वारा बढ़ोतरी के प्रस्ताव को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए मंजूरी दे दी गई है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राज्य के लगभग 6 लाख 50 हजार से अधिक बच्चों को लाभान्वित किया जाएगा।

इस प्रस्ताव के अनुसार 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को पालनहार योजना के अंतर्गत 500 रुपए की राशि प्रदान की जाती थी। जिसे बढ़ाकर 750 रुपए कर दिया गया है। वहीं 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को मिलने वाली 1000 रुपए की सहायता राशि को बढ़ाकर 1500 रुपए कर दिया गया है। पालनहार योजना में की गई इस वृद्धि को 1 जुलाई 2023 से लागू कर दिया गया है |
पालनहार योजना में आवेदन कैसे करे ?
- आवेदक को सबसे पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर राजस्थान पालनहार योजना का ऐप्लकैशन फॉर्म डाउनलोड करना होगा ।
- एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के बाद आपको आवेदन फॉर्म में पूछी गयी जानकारी जैसे पालनहार का नाम , जन्मतिथि ,आदि भरनी होगी |
- ये सभी जानकारी भरने के बाद आपको आवेदन फॉर्म के साथ आपको अपने सभी दस्तावेज़ों को अटैच करना होगा ।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म को शहरी क्षेत्र में विभागीय जिला अधिकारी के पास, ग्रामीण क्षेत्र के निवासी अपने फॉर्म को संबंधित विकास अधिकारी के पास या ई मित्र कियोस्क केंद्र में जाकर जमा करना होगा |
पालनहार योजना हेतु पात्र बच्चे
- अनाथ बच्चे
- न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/ आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान
- निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संताने
- नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संताने
- पुर्नविवाहित विधवा माता की संतान
- एड्स पीडित माता/पिता की संतान
- कुष्ठ रोग से पीडित माता/पिता की संतान
- विकलांग माता/पिता की संतान
- तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला की संतान
पालनहार योजना से संबंधित दस्तावेज
- पालनहार का आधार कार्ड
- जन आधार /भामाशाह कार्ड
- मूलनिवास प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड
- बच्चे का आंगनबाड़ी में पंजीकरण का प्रमाण पत्र / विद्यालय में अध्यनरत होने का प्रमाण-पत्र
- पहचान पत्र
- बच्चे का आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
योजना के तहत दी जाने वाली अनुदान राशि
- इस योजना के तहत हर अनाथ बच्चे एवं पात्र बच्चे को 5 वर्ष की आयु तक 500 रूपये धनराशि प्रतिमाह प्रदान की जाएगी |
- स्कूल में दाखिला लेने के बाद से 18 वर्ष के होने तक 1,000 रूपये हर माह दिए जायेंगे |
- बच्चो को उनके जरूरत के सामान जैसे कपड़ो, जूते इत्यादि के लिए 2,000 रूपये प्रतिवर्ष अलग से दिए जायेंगे |
पालनहार की पात्रता
- इस योजना के तहत आवेदक राजस्थान के स्थायी निवासी होने चाहिए ।
- पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- ऐसे अनाथ बच्चों को 2 वर्ष की आयु में आंगनबाड़ी केन्द्र पर तथा 6 वर्ष की आयु में स्कूल भेजना अनिवार्य है।
पालनहार योजना की विशेषता
- अनाथ बच्चों के लिए सहायता: यह योजना राजस्थान में अनाथ बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा की सहायता प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। अनाथ बच्चों को आर्थिक रूप से स्वतंत्रता देने के साथ ही उनके विकास और शिक्षा में मदद करने का प्रयास किया जाता है।
- नियमित आर्थिक सहायता: योजना के अंतर्गत, अनाथ बच्चों को नियमित आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता बच्चों के विभिन्न आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करती है और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में सहायता प्रदान करती है।
- शिक्षा की प्रोत्साहना: योजना के तहत, बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके लिए स्कूल में प्रवेश होने के बाद उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उनकी शिक्षा का सामर्थ्य बढ़ता है।
- आर्थिक स्वतंत्रता: यह योजना अनाथ बच्चों को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करने में मदद करती है। वे अपने खर्चों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहते हैं और स्वयं के लिए सही निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।
- सामाजिक समृद्धि की दिशा में कदम: इस योजना से सामाजिक समृद्धि की दिशा में भी कदम बढ़ाया जा रहा है। गरीब और असहाय बच्चों को समाज में समानता की दिशा में उन्नति करने का माध्यम प्रदान करने के साथ ही, उनके जीवन को समृद्धि की दिशा में मोड़ने में मदद की जा रही है।